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डिप्रेशन के कारण,लक्षण और घरेलु उपाय

यह मानसिक तौर से जुड़ा हुआ एक रोग है,

जिसका यदि समय पर इलाज न कराए जाए तो समय के साथ बढ़ता रहता है।

और एक समय आने पर व्यक्ति को इतनी निराशा और हताशा से भर देता है।

कि उसे अपने सामने सिर्फ अंधकार दिखाई देता है और ऐसी अवस्था से रोगी को वापस ला पाना मुश्किल हो जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ डिप्रेशन एक आम मानसिक बीमारी है।

डिप्रेशन आमतौर पर मूड में होने वाले उतार-चढ़ाव और कम समय के लिए होने वाले भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से अलग है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ दुनियाभर में अलग-अलग उम्र के 30 करोड़  से ज़्यादा लोग इससे पीड़ित हैं।

हालांकि कई मनोवैज्ञानिक ये मानते हैं कि ये संख्या इससे बहुत ज़्यादा हो सकती है क्योंकि कई लोगों को पता ही नहीं होता कि वो डिप्रेशन में हैं।

भारत में यह आंकड़ा 5 करोड़ से ज़्यादा है जो कि एक बहुत गंभीर समस्या है।

सामान्यतया डिप्रेशन किशोरावस्था या 30 से 40 साल की उम्र में शुरू होता है

लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं के डिप्रेशन की समस्या से ग्रस्त होने की सम्भावना ज़्यादा होती है।

मानसिक कारको के अलावा हार्मोन्स का असंतुलित होना, गर्भावस्था और अनुवांशिक विकृतियाँ भी डिप्रेशन का कारण हो सकती है।

किसी बुरी ख़बर के आने पर, या कुछ काम के बिगड़ जाने पर जब हम ये कहते हैं कि हम डिप्रेस्ड फ़ील कर रहे हैं, वो दरअसल डिप्रेशन नहीं, उदासी है।

डिप्रेशन क्या है?

यह एक ऐसी अवस्था है जब व्यक्ति का मन और दिमाग नैगिटिविटी, चिंता, तनाव और उदासी से घिर जाता है ।

इस अवस्था में व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो जाती है

और वह धीरे-धीरे खोखला होने लगता है ।

क्योंकि यह एक मानसिक रोग है

इसलिए इसमें रोगी को देखकर अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता परंतु यदि लक्षणों पर गौर करें तो इसका पता चल सकता है।

डिप्रैशन कोई सामान्य रोग नहीं है।

यह जीवन के उतार-चढ़ाव और रोजमर्रा की जिंदगी में सामने आने वाली चुनौतियों से अलग होता है

और यह भंयकर रुप तब ले लेता है जब यह लंबे समय तक तक रहते हुए एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति बन जाता है। 

 

डिप्रेशन के कारण,लक्षण और घरेलु उपाय depression

लक्षणों की संख्या और तीव्रता के आधार पर डिप्रेशन के अलगअलग प्रकार होते है 

जो कि माध्यम से लेकर बहुत गंभीर भी हो सकते है जिनके सफल ईलाज के लिए गहन परिक्षण ज़रूरी है। 

अलग–अलग लोगों में डिप्रेशन के अलग–अलग लक्षण होते है जैसे–

  • दिन भर और खासकर सुबह के समय उदासी.
  • लगभग हर दिन थकावट और कमजोरी महसूस करना।
  • स्वयं को अयोग्य या दोषी मानना।
  • एकाग्र रहने तथा फैसले लेने में कठिनाई होना।
  • लगभग हर रोज़ बहुत अधिक या बहुत कम सोना।
  • सारी गतिविधियों में नीरसता आना।
  • बार–बार मृत्यु या आत्महत्या के विचार आना।
  • बैचैनी या आलस्य महसूस होना।
  • अचानक से वजन बढ़ना या कम होना।
  • गुस्सा होना

अगर किसी व्यक्ति को इनमे से 5 या उससे अधिक लक्षण 2 सप्ताह या उससे ज़्यादा समय तक बने रहते है तो DSM-5 (परिक्षण तकनीक) के अनुसार उसे डिप्रेशन हो सकता है।

डिप्रेशन के कारण क्या हैं?

डिप्रेशन की समस्या किसी भी उम्र के शख्स को हो सकती है, जिसके अलग-अलग कारण हो सकते हैं।
इसके बावजूद, आमतौर पर अवसाद निम्नलिखित कारणों का नतीजा हो सकता है-

  • शोषण होना- डिप्रेशन का प्रमुख कारण शोषण होना है।
    इस प्रकार,इस समस्या के होने की संभावना मुख्य रूप से ऐसे लोगों में अधिक रहती है, जिनके साथ शारीरिक शोषण होता है।
  • किसी तरह की दवाई का सेवन करना- अक्सर, डिप्रेशन दवाई के साइड-इफेक्ट्स का भी परिणाम होता है।
    अत: यदि किसी व्यक्ति का किसी तरह का इलाज चल रहा है, तो उसे दवाई का सेवन सीमित रूप में ही करना चाहिए ताकि उसे किसी तरह के साइड-इफेक्ट्स का सामना न करना।
  • झगड़ा होना- आपने ऐसा सुना होगा कि घर के माहौल का असर बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों पर काफी गहरा पड़ता है।
    यदि किसी परिवार में काफी झगड़े होते हैं, तो उसके सदस्यों की मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है और वे डिप्रेशन के शिकार बन सकते हैं।
  • किसी प्रियजन की मौत होना- हममें से किसी भी शख्स के लिए अपने प्रियजनों को खोना काफी दुखदायी होती है।
    इसका असर हमारी ज़िदगी के साथ-साथ मानसिक सेहत पर भी पड़ता है, जिसका परिणाम काफी सारी मानसिक बीमारियों के रूप में सामने आता है।
    ऐसे ही बीमारियों में डिप्रेशन या डिप्रेशन भी शामिल है, जिससे निकलने के लिए मनोवैज्ञानिक का सहारा लेना पड़ता है।
  • जेनेटिक कारण का होना- अवसाद होने का अन्य कारण जेनेटिक भी होता है।
  • इस प्रकार, यदि किसी शख्स के परिवार में अन्य सदस्य डिप्रेशन से पीड़ित है, तो उसे भी यह बीमारी हो सकती है।

अगर आपके किसी परिचित या आपको डिप्रेशन है तो आप इस तरह उस व्यक्ति और अपनी सहायता कर सकते है–

 

  • डिप्रेशन को दूर करने के लिए अच्छे मनोचिकित्सक से परामर्श ज़रूर करना चाहिए.
  • इस समस्या कोअच्छे से समझने की कोशिश करें और इसके लिए अपने चिकित्सक की सलाह लें।
  • अपने आपको अकेला न रहने दे, दोस्तों के साथ बहार जाएँ, लोगों से मिले जुले, गपशप करे।
  • खुद के लिए अप्राप्य लक्ष्य ना बनाये।
  • सुबह शाम टहलनें जाएँ।
  • अपने आप को काम में व्यस्त रखें।
  • उदासी भरे गानें ना सुने।
  • काम को करने के नए तरीके खोजे और नए–नए रास्तो से गुजरें।
  • सकारात्मक बातें पढ़िए और बोलिए
  • आर्ट ऑफ़ पॉजिटिव लिविंग का फायदा उठाये।
  • योग का सहारा ले और अनुलोम विलोम, प्राणायाम, ध्यान को सीखकर जीवन में उतारे।
  • अगर आपके पास इन्टरनेट है तो सकारात्मक कहानियाँ, विचार और उद्बोधन पढ़ें।
  • रात में सोने के एक घंटे पहले टीवी बंद कर दे क्योकि टीवी में अगर आप कुछ नकारात्मक देखतें है तो वह आपके अन्तर्मन में बना रहता  है 

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डिप्रेशन से बचने के उपाय

डिप्रेशन के प्रभाव से बचने के लिए जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाने की ज़रूरत होती है।

आहार-

डिप्रेशन के रोगी को भरपूर मात्रा में पानी पीना चाहिए तथा ऐसे फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो।

पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए जिसमें शरीर के लिए जरूरी सभी विटामिन्स और खनिज हो।

हरी पत्तेदार सब्जियाँ एवं मौसमी फलों का सेवन अधिक करें।

चुकन्दर (Beetroot) का सेवन जरूर करें, इसमें उचित मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जैसे विटामिन्स, फोलेट,यूराडाइन और मैग्निशियम आदि। यह हमारे मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिटर्स की तरह काम करते हैं जो कि अवसाद के रोगी में मूड को बदलने का कार्य करते हैं।

अपने भोजन में ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें। इसमें उचित मात्रा में एंटी-ऑक्सिडेट्स और मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड्स पाये जाते हैं, यह हृदय रोग तथा डिप्रेशनको दूर करने में मददगार साबित होते हैं।

डिप्रेशनके रोगी में अस्वस्थ भोजन एवं अधिक भोजन करने की प्रवृत्ति होती है। अतः डिप्रेशन के रोगी को जितना हो सके जंक फूड और बासी भोजन से दूर रहना चाहिए । इसकी बजाय घर पर बना पोषक तत्वों से भरपूर और सात्विक भोजन करना चाहिए।

जंक फूड का सेवन पूरी तरह छोड़ दें।

अधिक चीनी एवं अधिक नमक का सेवन।

मांसाहार और बासी भोजन।

धूम्रपान, मद्यसेवन या किसी भी प्रकार का नशे का सर्वथा त्याग करना चाहिए।

कैफीनयुक्त पदार्थ जैसे चाय, कॉफी का अधिक सेवन।

डिप्रेशन से बचने के घरेलू उपाय

डिप्रेशन यदि अपनी प्रारम्भिक अवस्था में हो तो यह अच्छी जीवनशैली, मनोविश्लेषण और मनोचिकित्सा (Psychotherapy) द्वारा ही ठीक हो जाता है परन्तु गहन अवसाद में उपचार की आवश्यकता होती है। ऐसे में ऐलोपैथ में जो एंटी-डिप्रेसेंट दवाइयाँ दी जाती है, व्यक्ति को धीरे-धीरे इनकी आदत पड़ जाती है और वह इनका आदी हो जाता है।

जबकि हमारे शरीर के प्रमुख अंग जैसे हृदय, फेफड़े, गुर्दे और यकृत में सेरोटोनिन खून को संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एलोपैथिक दवाएँ इन अंगों द्वारा सेरोटोनिन के अवशोषण को रोक देती है जिस कारण इन अंग के कार्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इन दवाईयों के सेवन से व्यक्ति को इसकी आदत पड़ जाती है और इनके बिना खुद को अपनी दैनिक जीवनचर्या करने और सोने में भी असमर्थ पाता है। अत: डिप्रेशन के लिए घरेलू उपाय, आयुर्वेद दवाइयाँ और मनोविश्लेषण का सहारा लेना चाहिए। आयुर्वेद एक प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति है जो वात,पित्त, कफदोषों को संतुलित कर शरीर को स्वस्थ बनाती है। आयुर्वेदिक औषधियाँ व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती हैं एवं व्यक्ति को ऊर्जावान बनाती हैं। इनके सेवन से रोगी के शरीर में कोई भी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है।

1.एक दिनचर्या में जाओ।

डिप्रेशन के कारण,लक्षण और घरेलु उपाय exercise

यदि आप उदास हैं, तो आपको रूटीन की जरूरत है, इयान कुक, एमडी कहते हैं। वह UCLA में एक मनोचिकित्सक और डिप्रेशन रिसर्च एंड क्लिनिक प्रोग्राम के निदेशक हैं।

अवसाद आपके जीवन से संरचना को दूर कर सकता है।

एक दिन अगले में पिघल जाता है।

एक सौम्य दैनिक कार्यक्रम निर्धारित करने से आप ट्रैक पर वापस आ सकते हैं।

2.सेट लक्ष्य।

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जब आप उदास होते हैं, तो आप महसूस कर सकते हैं कि आप कुछ भी पूरा नहीं कर सकते। इससे आपको अपने बारे में बुरा महसूस होता है। पीछे धकेलने के लिए, अपने लिए दैनिक लक्ष्य निर्धारित करें।

“बहुत छोटी शुरुआत करें,” कुक कहते हैं। “

अपने लक्ष्य को कुछ ऐसा बनाएं जिसे आप सफल हो सकें, जैसे कि हर दूसरे दिन व्यंजन बनाना।”

3.व्यायाम करें।

डिप्रेशन के कारण,लक्षण और घरेलु उपाय exercise

यह अस्थायी रूप से एंडोर्फिन नामक अच्छे-अच्छे रसायनों को बढ़ावा देता है। डिप्रेशन से पीड़ित लोगों के लिए भी इसका दीर्घकालिक लाभ हो सकता है। कुक कहते हैं कि नियमित व्यायाम से मस्तिष्क को सकारात्मक तरीके से प्रोत्साहित करने में मदद मिलती है।

आपको कितने व्यायाम की आवश्यकता है?

लाभ पाने के लिए आपको मैराथन दौड़ने की आवश्यकता नहीं है।

सप्ताह में बस कुछ ही बार चलने से मदद मिल सकती है।

4.स्वस्थ खाएं।

डिप्रेशन के कारण,लक्षण और घरेलु उपाय healthy food

कोई जादू आहार नहीं है जो डिप्रेशन को ठीक करता है। हालांकि आप क्या खाते हैं, यह देखना एक अच्छा विचार है। यदि डिप्रेशन आपको अधिक खाने से रोकता है, तो आपके खाने पर नियंत्रण रखने से आपको बेहतर महसूस करने में मदद मिलेगी।

हालांकि कुछ भी निश्चित नहीं है, कुक का कहना है

कि सबूत हैं कि ओमेगा -3 फैटी एसिड (जैसे सैल्मन और टूना) और फोलिक एसिड (जैसे पालक और एवोकैडो) वाले खाद्य पदार्थ अवसाद को कम करने में मदद कर सकते हैं।

5.पर्याप्त नींद लें।

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अवसाद के कारण पर्याप्त शट-आई प्राप्त करना कठिन हो सकता है,

और बहुत कम नींद डिप्रेशन को और भी बदतर बना सकती है।

तुम क्या कर सकते हो? अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करके शुरुआत करें। बिस्तर पर जाओ और हर दिन एक ही समय पर उठो। कोशिश करें कि झपकी न लें। अपने बेडरूम से सभी विकर्षणों को लें – कोई कंप्यूटर और कोई टीवी नहीं। समय में, आप अपनी नींद में सुधार पा सकते हैं।

6.जिम्मेदारियों को निभाएं।

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जब आप उदास होते हैं, तो आप जीवन से पीछे हटना चाहते हैं

और घर और काम पर अपनी ज़िम्मेदारियाँ छोड़ सकते हैं। नहीं है। इसमें शामिल रहना और दैनिक ज़िम्मेदारियाँ निभाना आपको एक जीवन शैली बनाए रखने में मदद कर सकता है जो डिप्रेशन से निपटने में मदद कर सकता है। वे आपको जमीन देते हैं और आपको एक उपलब्धि देते हैं।

यदि आप पूर्णकालिक स्कूल या काम करने के लिए तैयार नहीं हैं,

तो यह ठीक है। अंशकालिक के बारे में सोचो।

यदि ऐसा लगता है तो बहुत अधिक, स्वयंसेवक काम पर विचार करें।

7.नकारात्मक विचारों को चुनौती दें।

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अवसाद के खिलाफ आपकी लड़ाई में, बहुत सारा काम मानसिक है – आप कैसे सोचते हैं, इसे बदलना। जब आप उदास होते हैं, तो आप सबसे खराब निष्कर्ष पर छलांग लगाते हैं।

अगली बार जब आप अपने बारे में भयानक महसूस कर रहे हों,

तो तर्क को एक प्राकृतिक डिप्रेशन उपचार के रूप में उपयोग करें।

आपको ऐसा लग सकता है कि कोई भी आपको पसंद नहीं करता है, लेकिन क्या इसके लिए असली सबूत हैं? आप ग्रह पर सबसे बेकार व्यक्ति की तरह महसूस कर सकते हैं, लेकिन क्या वास्तव में इसकी संभावना है? यह अभ्यास लेता है, लेकिन समय से पहले आप उन नकारात्मक विचारों को हरा सकते हैं, इससे पहले कि वे नियंत्रण से बाहर हो जाएं।

8.सप्लीमेंट्स का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से जाँच करें।

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“वहाँ डिप्रेशन के लिए कुछ पूरक के लिए आशाजनक सबूत है,” कुक कहते हैं। जिनमें मछली का तेल, फोलिक एसिड और एसएएमई शामिल हैं। लेकिन इससे पहले कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। किसी भी पूरक को शुरू करने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक से जांच करें, खासकर यदि आप पहले से ही दवाएँ ले रहे हों।

9.कुछ नया करो।

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जब आप उदास होते हैं, तो आप एक झुनझुने में होते हैं।

कुछ अलग करने के लिए खुद को पुश करें। एक संग्रहालय में जाओ।

एक इस्तेमाल की गई किताब उठाएं और इसे एक पार्क बेंच पर पढ़ें।

एक सूप रसोई घर में स्वयंसेवक। भाषा की कक्षा लें।

10.मज़ा करने की कोशिश करो।

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यदि आप उदास हैं, तो उन चीजों के लिए समय निकालें, जिनका आप आनंद लेते हैं अब और कुछ नहीं तो क्या होगा? “यह सिर्फ डिप्रेशन का एक लक्षण है,” कुक कहते हैं। आपको वैसे भी कोशिश करते रहना होगा।

अन्य उपाय

काजू का सेवन

4 से 6 काजू को पीसकर एक कप दूध में मिलाकर पीने से डिप्रेशन का असर कुछ हद तक कम होता है।

बेर का सेवन 

4 से 5 बेर के फल लेकर उनमें से बीज निकाल दें और इसको पीस कर इसका रस निकाल लें। अब इस रस में आधा चम्मच जायफल को पीसकर मिला लें और दिन में दो बार इसका सेवन करें।

ब्राह्मी का सेवन

एक चम्मच ब्राह्मी और एक चम्मच अश्वगंधा के पाउडर को एक गिलास पानी में मिलाकर रोज इसका सेवन करें।

नींबू के मिश्रण का सेवन

एक चम्मच नींबू का रस,

एक चम्मच हल्दी पाउडर, एक चम्मच शहद, दो कप पानी इन सब को एक बर्तन मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें और इसे पी लें। नियमित रूप से इसके सेवन से अवसाद से निकलने में मदद मिलती है।

सेब का सेवन

सुबह उठकर खाली पेट सेब खाएँ।

यह आपके शारीरिक स्वास्थ्य को तो बेहतर रखता ही है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।

इलायची का सेवन

दो से तीन इलायची को पीसकर एक गिलास पानी में उबालकर पी लें या फिर हर्बल चाय में इलायची डाल कर पिएँ।

 

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