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अद्भुत मोर

अद्भुत मोर
उदास मोर प्रेरणादायक कहानी

आपके पास सबसे अच्छी कहानी इस बारे में है कि इस सूची के लिए हमारी पहली पसंद क्या है।

विचार महत्वाकांक्षा कोई बुरी बात नहीं है,

आमतौर पर लालच करने के लिए एक बहुत पतली रेखा होती है।
यह दोनों तरीके से चल सकता है, माता-पिता अपने बच्चों को इतनी मुश्किल से धक्का दे सकते हैं, कि बच्चे निराश हो जाते हैं।
दूसरी ओर, बच्चे अधिक मांग के लिए समाप्त हो सकते हैं,

बिना इस बात की परवाह किए कि उनके पास पहले से क्या है। यहां एक मोर के बारे में एक अद्भुत कहानी है जो लगभग उसी तरह से चला गया। यहाँ यह एक बार एक सुंदर मोर था जो सभी था, लेकिन एक बारिश के दिन नाच रहा था।

जब वह अपनी बेर को निहारने  में व्यस्त था,

तो उसकी खुरदरी आवाज ने उसे अपनी कमियों की याद दिला दी।

सभी आनंद उसे पीटते थे,

वह लगभग आँसू में था। अचानक, उसने पास में एक कोकिला को गाते हुए सुना। कोकिला की मधुर आवाज सुनकर, उनकी अपनी कमी एक बार फिर बहुत स्पष्ट हो गई। वह सोचने लगा कि आखिर क्यों उसे इस तरह से झांसा दिया गया। उस समय, देवताओं के नेता जूनो ने मोर को देखा और संबोधित किया।

मधुर आवाज

“तुम क्यों परेशान हो?”

जूनो ने मोर से पूछा।

कोकिला  की मधुर आवाज सुनकर, उनकी कमी एक बार फिर बहुत स्पष्ट हो गई है।

वह सोच रही थी कि आखिर उसे इस तरह से झांसा क्यों दिया गया।

उस समय, भगवान के नेता जूनो ने मोर को देखा और संबोधित किया। “तुम परेशान क्यों हो?” जूनो ने मोर से पूछा। मोर समझ गया कि दूसरों की तुलना करने और खुद के आशीर्वाद को भूल जाने में वह कितना मूर्ख था।

उन्होंने उस दिन महसूस किया,

कि हर कोई किसी न किसी तरह से अद्वितीय था।

कहानी का नैतिक –

आत्म-स्वीकृति खुशी का पहला कदम है। जो कुछ भी आपके पास नहीं है, उसके लिए दुखी होने के बजाय, आपके पास जो कुछ भी है, उसे सर्वश्रेष्ठ बनाएं।

यह कहानी है एक उदास मोर की, जिसने हाल ही में अपने जीवन के सबसे मुश्किल पलों से गुजरा था। वह एक बार की बात है, एक आदर्श जंगल में रहता था, जिसका नाम मोरवन था। मोरवन का उस जंगल में एक सबसे अच्छा दोस्त था, एक खरगोश, जिसका नाम बूँदा था। बूँदा और मोरवन की दोस्ती बचपन से शुरू हुई थी और वे हमेशा एक-दूसरे के साथ खेलते थे, हंसते-हंसाते वक्त बिताते थे।

एक दिन, बूँदा को अपने परिवार के साथ जंगल से बाहर जाना पड़ा, जब वे अपने घर की ओर बढ़ रहे थे, तो बूँदा ने अपने दोस्त मोरवन से कहा, “मोरवन, मैं अब कुछ समय के लिए दूर जाना पड़ रहा हूँ, लेकिन मैं तुम्हें जल्दी ही फिर से देखूँगा।”

मोरवन ने उसे यह कह कर संज्ञा दिलाई, “बूँदा, जब तुम वापस आओगे, तो हम फिर से वोही मस्ती और खुशियाँ मनाएंगे जैसे हमेशा किया करते थे।”

लेकिन समय बीत गया, और जब बूँदा वापस आया, तो वह देखा कि मोरवन अब बिल्कुल उदास और अबसंत दिख रहा था। उसने मोरवन से पूछा, “मोरवन, तुम इतने उदास क्यों हो?”

मोरवन ने धीरे-धीरे बताया कि जब वह अकेला था, तो वह खुद को ज्यादा खूश और आत्मनिर्भर महसूस करता था। वह अकेले होने से ज्यादा आत्मसमर्पण और आत्मविश्वास बढ़ गया था, और उसने अपने कौआ दोस्तों की तरह अपनी खुशियाँ और आत्मसंतोष को खो दिया था।

बूँदा ने मोरवन को समझाया कि दोस्ती का असली मतलब यह नहीं होता कि आप एक-दूसरे के साथ हर समय हों, बल्कि यह उन समयों में भी होता है जब आप अकेले होते हैं। अच्छे दोस्त वो होते हैं जो आपके साथ होते हैं, चाहे वे आपके पास हों या न हों।

मोरवन ने बूँदा की बातों को मन में बैठा लिया और वह अपनी खुशियों को वापस पा लिया। उसके बाद से, वे दोनों दोस्ती का आनंद लेते रहे, चाहे वे साथ हों या अल

यह कहानी है एक उदास मोर की, जिसने अपने जीवन के सबसे मुश्किल पलों से गुजरा था। वह एक छोटे से गांव में रहता था, जिसमें वो अपने माता-पिता के साथ रहता था।

मोर गांव का सबसे खुशनुमा पक्षी था, और उसकी खूबसूरत गर्मी की सुबहें हमेशा सभी को प्रसन्न कर देती थी। लेकिन एक दिन, उसके जीवन में बड़ा परिवर्तन आया।

एक बारिश के दिन, जब मोर अपने आसमानी रंगों की फीकी बूँदों का आनंद ले रहा था, तो उसे एक दर्द से भरपूर आवाज सुनाई दी। वह उसी दिशा में उड़ गया और देखा कि एक छोटे से बच्चे ने एक जाल में फंसा हुआ था।

मोर ने उस बच्चे की मदद करने का निर्णय लिया और वह उसके पास उड़ा, बच्चे की ओर बढ़ते हुए। वह अपने दंपत्ति और खूबसूरत पंखों की जगह छोटे और अच्छे दिलवाले सिर के साथ अपनी उड़ान समझाता था। बच्चे ने समझ लिया कि मोर उसकी मदद करने में आया है और वह उसके साथ समझदारी से काम करने लगा।

एक हफ्ता बीत गया, लेकिन बच्चे को उसकी माँ के पास वापस नहीं पहुंचने का कोई संकेत नहीं था। मोर की मदद से बच्चे ने अपनी माँ की खोज की, लेकिन कहीं भी उसे नहीं मिला।

यह दौरान, मोर और बच्चे के बीच गहरी दोस्ती बन गई, और उनका एक-दूसरे के साथ वक्त बिताना सबसे महत्वपूर्ण हो गया। उन्होंने एक-दूसरे को हर कठिनाई के साथ मुकाबला करने की ताकद दिखाई और उनका साथ एक सच्ची और मजबूत दोस्ती की नींव रख दी।

दिन बितते गए और बच्चे की माँ का पता चला, और वह खुशी-खुशी उसके पास वापस आ

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